छत्तीसगढ़ के इस गांव को आज मिली ‘आजादी’, ग्रामीणों के चेहरे की खुशी देखकर समझ सकते हैं क्या होती है आजादी की कीमत

नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गाँव को एक उपहार मिला।

“सुकमा। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित नक्सल प्रभावित गांव एल्मागुंडा को एक ख़ास तोहफा मिला है। यह ख़बर सुनकर आपको जानकर ख़ुशी होगी कि 25 सालों के इंतज़ार के बाद अब गांव में बिजली की पहुंच हुई है। बिजली की सेवा का आग़ाज़ स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले किया गया था। इस लम्बे समय के इंतज़ार के बाद, ग्रामीण समुदाय में ख़ुशी की लहर छाई है। इस ख़ुशी के मौके पर, ग्रामीणों ने सुरक्षाबलों और प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।”

“विकास की रौशनी से दूर नक्सलवाद के अंधकार में जीवनयापन करने को मजबूर समझने वाले सुकमा जिले के घातक नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गाँव के ग्रामीणों को स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी ख़ुशख़बर मिली है। प्रदेश सरकार की विकास और सुरक्षा की मानसिकता के तहत सुकमा सीआरपीएफ़ के डीआईजी अरविंद राय, कलेक्टर हरिस एस., और एसपी किरण चव्हाण ने कड़ी मेहनत की है, जिसके परिणामस्वरूप अब एलमागुंडा गाँव में लगभग ढाई दशकों के इंतज़ार के बाद बिजली की सेवा पहुँची है।”

“नक्सल प्रभावित एलमागुंडा गाँव में जब बिजली सेवा पहुँची, तो उस खुशी का दृश्य ग्रामीणों की आँखों में बना रहा था। इस वर्ष की फ़रवरी महीने में ही एलमागुंडा गाँव में सुरक्षाबलों का एक कैम्प स्थापित किया गया था, और उसके बाद से सीआरपीएफ़, जिला पुलिस, और जिला प्रशासन ने मिलकर गाँव में बुनियादी सुविधाओं की पहुँचाई के लिए संयुक्त प्रयास किए। इसके परिणामस्वरूप, गाँव में बिजली पहुँचने से ग्रामीणों का विश्वास न केवल शासन प्रशासन और सुरक्षाबलों के प्रति बढ़ गया है, बल्कि वे आगे बढ़कर विकास की ओर बढ़ने की दिशा में भी प्रतिबद्ध हैं।”

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