दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में एक घटना हुई है, जिसमें दो महिला सहित चार नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण किया। इस समर्पण के बदले में, एक महिला नक्सली को एक लाख रुपये का पुरस्कार भी दिया गया।
पुलिस ने बताया कि दंतेवाड़ा के डीआईजी कमलोचन कश्यप, सीआरपीएफ के डीआईजी विकास कठेरिया, और दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय के सामने जियाकोडता पंचायत केएएमएस के अध्यक्ष हुंगी सोडी, डीएकेएमएस के सदस्य भीमाराम करटाम, और डीएकेएमएस के सदस्य हिडमा जिनका उपनाम हीरालाल मरकाम है, तथा केएएमएस की सदस्या कुमारी देवे कोवासी ने आज आत्मसमर्पण किया। इस समर्पण के बदले में, 28 साल की महिला नक्सलवादी हुंगी सोडी को एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया था।
दंतेवाड़ा पुलिस ने बताया कि नक्सलियों ने लोन वर्राटू (घर वापस आइए अभियान) के तहत चलाए जा रहे प्रयास से प्रभावित होकर उनकी अमानवीय और आधारहीन विचारधारा, उनके शोषण और अत्याचार, तथा बाहरी नक्सलियों के प्रति भेदभाव के साथ स्थानीय आदिवासियों पर आने वाली हिंसा से परेशान होकर आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर, दंतेवाड़ा की सीआरपीएफ 111वीं वाहिनी के कमाडेंट नीरज यादव, सीआरपीएफ 111वीं वाहिनी के द्वितीय कमान अधिकारी विवेक कुमार सिंह, और दंतेवाड़ा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामकुमार बर्मन भी उपस्थित रहे। पुलिस के अनुसार, लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक कुल 615 नक्सली, जिनमें से 159 इनामी भी शामिल हैं, समाज के मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं।