रायपुर। रायपुर समाचार: क्रेडिट कार्ड को बंद करवाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में ठगों ने ओटीपी नंबर का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी की है। ये ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठग रहे हैं। अब ठग उन पुराने क्रेडिट कार्डों की जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, जिन्हें लंबे समय से उपयोग नहीं किया गया है। वे उन लोगों को सीधे फोन करके पूछते हैं कि क्या वे अपने क्रेडिट कार्ड को बंद करवाना चाहते हैं। जब व्यक्ति इसकी इच्छा जताता है, तो ठग उन्हें अपने जाल में फंसा लेते हैं। इसी तरह का एक मामला आरंग थाने में दर्ज किया गया है।
रायपुर जिले के आरंग थाने में शब्दशरण साहू, जो गाँव बैहार, थाना आरंग पोस्ट रसनी में निवासी हैं, ने एक ठगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उनका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के आरंग शाखा में संचालित है, और उन्हें उसी खाते के आधार पर क्रेडिट कार्ड प्रदान किया गया था। उन्होंने इस कार्ड का उपयोग 2020 तक किया था। ब्याज बढ़ने पर, उन्होंने बैंक को क्रेडिट कार्ड को बंद करने के लिए आवेदन किया, लेकिन बैंक ने क्रेडिट कार्ड को बंद नहीं किया। तब एक व्यक्ति उनके नंबर पर कॉल किया और बताया कि उन्हें अपने क्रेडिट कार्ड में 4200 रुपये जमा करने की आवश्यकता है, फिर कार्ड बंद हो जाएगा। शब्दशरण ने गूगल पे के माध्यम से यह राशि जमा कर दी। तत्पश्चात्, ठग ने फिर से कॉल करके बताया कि उनका क्रेडिट कार्ड बंद कर दिया गया है।
करीब तीन महीने बाद प्रार्थी को एक मैसेज पुनः मिला, जिसमें बताया गया कि 4700 रुपये उनके बकाया है। प्रार्थी ने तुरंत आरंग बैंक से संपर्क किया और वहाँ के क्रेडिट कार्ड शाखा में बैठे व्यक्ति को इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कस्टमर केयर से बात करके क्रेडिट कार्ड को बंद करवाने की और अधिक जमा राशि को प्रदान कराने की शिकायत की। क्रेडिट कार्ड शाखा में बैठे व्यक्ति ने इसकी जानकारी को स्वीकार किया और उन्होंने बताया कि शिकायत पंजीकृत की गई है। इसके बाद, 15 जुलाई 2023 को, प्रार्थी को एक अज्ञात व्यक्ति का फोन आया। ठग ने खुद को क्रेडिट कार्ड विभाग के कस्टमर केयर से संबंधित बताया और उन्होंने बताया कि प्रार्थी की शिकायत के आधार पर क्रेडिट कार्ड अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। ठग ने स्थायी रूप से बंद करने के लिए प्रार्थी से आधार कार्ड और पासबुक की फोटो अपने व्हाट्सएप पर भेजने का अनुरोध किया। प्रार्थी ने इसे भेज दिया। इसके बाद एक मैसेज में ओटीपी द्वारा आवश्यक सत्यापन के लिए मांगा गया। प्रार्थी के खाते से 2700 रुपये और क्रेडिट कार्ड से लगभग 1,58,412 रुपये का धन निकाल लिया गया।