रायपुर। छत्तीसगढ़ राजनीति समाचार: भाजपा ने कांग्रेस के प्रयोगशाला में टिकट बांटने की रणनीति तैयार की है। इस योजना के अंतर्गत, पहले सर्वे करवाया जाएगा, फिर संभावित उम्मीदवार को संगठनात्मक जिम्मेदारी से इस्तीफा दिया जाएगा, और बाद में उसे टिकट दिया जाएगा। इस फार्मूले के अनुसार, प्रदेश के सभी जिला अध्यक्षों को टिकट प्राप्त करने से पहले इस्तीफा देना अनिवार्य होगा। पार्टी विधानसभा सीटों के लिए सर्वे भी करा रही है और फिर सक्रियता के आधार पर टिकट वितरित किये जाएंगे।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कई विधानसभा सीटों पर भाजपा पार्टी के जिलाध्यक्षों को टिकट विचार किया जा रहा है। इन जिलाध्यक्षों को चुनाव में टिकट देने से पहले उनका इस्तीफा आवश्यक होगा। यदि कोई जिलाध्यक्ष इस निर्णय का विरोध करता है, तो पार्टी दूसरे विकल्पों का विचार कर सकती है, जिससे उन्हें टिकट नहीं दिया जा सकता। याद रखने लायक है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने 13 जिलाध्यक्षों से इस्तीफा लिया था, जिसके बाद चार जिलाध्यक्षों को कांग्रेस पार्टी ने टिकट दिया था।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीए संतोष और प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर ने भी कुछ ऐसे ही फार्मूले पर काम करने के संकेत दिए हैं। पिछले कोर ग्रुप की बैठक में पार्टी ने चुनाव में टिकट वितरण के मामले में जो संकेत दिए हैं, उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं।
15 सितंबर से चलेगी भाजपा की निर्णायक यात्रा
चुनावी वर्ष में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए भाजपा की महत्वपूर्ण यात्रा 15 सितंबर से शुरू होने की तैयारी है। यह यात्रा सरगुजा और बस्तर से आरंभ होगी। अभी अगस्त में नए वोटरों को जुटाने के बाद, सितंबर में लगभग सभी जनसभाओं ने मिलकर सम्मेलन करने का निर्धारित किया है। जनता के बीच जाकर, भाजपा के पिछले 15 वर्षों के विकास को कांग्रेस के पिछले पांच वर्षों के विकास के साथ तुलना किया जाएगा।