नई दिल्ली: समुद्रायान मिशन का लॉन्च तिथि आसमान में चांद तक पहुंचने के बाद अब भारत समुद्र की गहराई तक पहुंचने की तैयारी कर रहा है। इस संबंध में जानकारी देते हुए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने गुरुवार को राज्यसभा में बताया कि भारत जल्द ही महासागर मिशन समुद्रायान के तहत तीन लोगों के साथ पनडुब्बी को समुद्र की गहराई तक भेजेगा और इसकी तैयारी चल रही है।
समुद्रायान मिशन के लॉन्च तिथि के मिले जानकारी के अनुसार, भारतीय पनडुब्बी को तीन इंसानों के साथ समुद्र की 6 किलोमीटर यानि 600 मीटर तक भेजा जाएगा। इस पनडुब्बी का नाम ‘मत्स्य 6000’ रखा गया है। इस पांच साल के मिशन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
मानवयुक्त सबमर्सिबल वाहन का निर्माण तेजी से
बीते दिनों किरेन रीजीजू ने चेन्नई में विश्व महासागर दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जानकारी दी थी कि भारत बिना मानव के समुद्र के भीतर 7,000 मीटर की गहराई तक मिशन को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है। अब उन्हें 6,000 मीटर की गहराई तक मानवयुक्त मिशन को पूरा करने के लिए तैयारी करने में जुटा है। दरअसल, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की ओर से शुरू की गई समुद्रयान परियोजना में मानवयुक्त और मानव रहित अन्वेषण दोनों शामिल हैं।
डीप ओशन मिशन के अंतर्गत भारत चाहता है कि वह स्पेस और अन्य क्षेत्रों के साथ ही दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो, जिनके पास समुद्र की गहराई में खोज करने की अभूतपूर्व क्षमता है। इसके लिए भारत को समुद्र के अंदर अन्वेषण में एक महत्वपूर्ण और अग्रणी भूमिका निभानी होगी, और समुद्री संसाधनों के सतत विकास के लिए एक संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना होगा।
क्या है समुद्रयान मिशन
केंद्र सरकार की ब्लू इकोनॉमी पहल के अंतर्गत यह मिशन जून 2021 में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने आरंभ किया था। इस मिशन के लिए 5 साल में कुल 4,077 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। समुद्रयान भी इसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
भारत के लिए क्यों अहम है ब्लू इकोनॉमी?
देश की जीडीपी का 4% हिस्सा इससे जुड़ा हुआ है। यह 95% व्यापार में मददगार है। 7,517 किमी लंबी समुद्री तटरेखा से 9 राज्य और 1382 द्वीप जुड़े हुए हैं। देश की 30% आबादी समुद्र पर निर्भर है।
गहरे समुद्र में 5वां सबसे ताकतवर देश
- • अभी अमेरिका, रूस, फ्रांस, जापान और चीन के पास ही गहरे समुद्री मिशन टेक्नोलॉजी और संसाधन हैं
- • अब तक चीन की 11000 मीटर तक की गहराई तक गोता लगा चुकी है। चीन ने 2021 में इस मिशन को अंजाम दिया था।
- • जून 2023 में अरबपतियों को गहरे समुद्र में टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने ले गई टाइटन पनडुब्बी 4 हजार मी. गहराई में हादसे का शिकार हुई थी।