भिलाई: भिलाई न्यूज़ के अनुसार, टाउनशिप भिलाई में डेंगू के तीन संदिग्ध मिले हैं। इस खबर से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है। जिला और भिलाई निगम ने स्वास्थ्य अमला पटरी पार अलर्ट मोड पर आ गए हैं। खुर्सीपार, कैंप, और सुपेला के घनी बस्तियों में सर्वे कार्रवाई शुरू कर दी गई है। दरअसल, अगस्त और सितंबर महीने में भिलाई के लिए काफी खतरनाक माने जाते हैं।
डेंगू की चिंता फिर से उभर रही है। इस खबर से स्वास्थ्य महकमें के हाथ पैर फूल गए हैं। अगस्त और सितंबर महीने में डेंगू और मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों की आशंका होती है। जलजनित बीमारियों जैसे पीलिया और डायरिया का भी खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, जिला स्वास्थ्य विभाग के देखरेख में भिलाई निगम का स्वास्थ्य अमला मई महीने से ही सक्रिय हो जाता है। दो दिन पहले, भिलाई टाउनशिप के सेक्टर-2 और सेक्टर-4 में तीन संदिग्ध डेंगू मरीजों के मिलने के बाद घर-घर सर्वे शुरू हो गया है। एक डेंगू संदिग्ध नगर निगम क्षेत्र का बताया जा रहा है, जिसकी ट्रेवल हिस्ट्री मुंबई से जुड़ी है। डेंगू संदिग्धों के ब्लड सैंपल की जांच के लिए रायपुर लैब भेजा गया है, और उसकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है।
टाउनशिप में मिले तीन संदिग्ध
डेंगू के तीन मरीज दो दिन पहले सेक्टर-2 और सेक्टर-4 में पाए गए हैं। उनमें से एक का नाम राजीव (14) है, दूसरे का सुयश साहू (3) और तीसरे का सुयश की मां पूजा साहू (26) है। सभी का इलाज निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां से स्वास्थ्य के सुधार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया है। वहीं, शांति नगर सुपेला में सुमीत कर्मकार नामक युवक को डेंगू संदिग्ध पाया गया था। बताया गया कि सुमीत दो दिन पहले मुंबई से लौटा है। रास्ते में वह बीमार पड़ गया था। हालांकि, सभी को डेंगू पॉजिटिव बताया जा रहा है, पर स्वास्थ्य अमले का कहना है कि जब तक ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट नहीं आ जाती, तब तक उन्हें डेंगू संदिग्ध माना जाएगा।
संवेदनशील इलाकों में किया जा रहा है सर्वे
जिला स्वास्थ्य अमला और भिलाई निगम ने स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड पर अपने कार्यवाहकता को उतार दिया है। संवेदनशील इलाकों की निगरानी हो रही है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, और मितानीन की मदद से घर-घर सर्वे शुरू कर दिया गया है। खाली पानी भरे पात्रों को खाली कराया जा रहा है। टेमीफास के चलते सीवर नालियों का छिद्रण किया जा रहा है। वर्षा से जमा पानी में उपयुक्त दवा छिड़काव किया जा रहा है। घर-घर जाकर यह पता लगाया जा रहा है कि कहीं किसी घर में कोई बीमार तो नहीं है।
2018 में डेंगू ने बरपाया था कहर
31 जुलाई 2018 को खुर्सीपार निवासी सांई नामक युवक की मौत हो गई थी। उसके बाद अगस्त और सितंबर महीनों में डेंगू ने भिलाई में भयानक प्रभाव डाला था। इस खतरनाक बीमारी से 57 लोगों की मौत हो गई थी और दस हजार से अधिक लोग प्रभावित हो गए थे। भिलाई के निजी और सरकारी अस्पतालों में बेड खाली नहीं थे। उस समय तत्कालीन मंत्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने छत्तीसगढ़ के सभी अस्पतालों को डेंगू के इलाज के लिए निशुल्क करवा दिया था।
साफ पानी में पनपता है डेंगू का लार्वा
डेंगू का लार्वा ठहरते हुए साफ पानी में पनपता है। जैसे कि बारिश के पानी किसी जगह जमा हो सकते हैं। घर की छत पर रखे टायर, खाली पात्र, कूलर, पानी की टंकी, गमले आदि में लार्वा पनपने का खतरा बना रहता है।
बरतें सावधानी
– घर के आसपास या घर में बारिश का पानी जमा ना होने दें।
– कूलर व पानी टंकी की नियमित अंतराल में सफाई करें
– मच्छरदानी लगाकर सोंए
– घर में किसी की तबीयत खराब हो तो फौरन डाक्टर से सलाह लें
नगर निगम भिलाई के प्रभारी स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा ने बताया कि सूचना मिलते ही संवेदनशील इलाकों की निगरानी तेज कर दी गई है। नगर निगम का स्वास्थ्य अमला और जिले की मलेरिया टीम संवेदनशील इलाकों का सर्वे कर रही है। वहां पर दवा का छिड़काव किया जा रहा है।