छत्तीसगढ़ में कंजक्टिवाइटिस (पिंक आई) की बीमारी का विस्तार: रायपुर। पिछले एक सप्ताह में छत्तीसगढ़ में कंजक्टिवाइटिस के 20,000 से अधिक मरीजों के मिलने की खबर है। स्वास्थ्य विभाग ने वायरस के फैलने की गति को जांचने के लिए रायपुर मेडिकल कॉलेज में सैंपल कल्चर और सेंसिविटी जांच के लिए भेज दिए हैं। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से बीमारी के संबंध में जानकारी मांगी है।
केंद्र सरकार ने राज्य से संक्रमण को लेकर मांगी है जानकारी
छत्तीसगढ़ में कंजक्टिवाइटिस के सैंपलों का उपयोग करके स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने वायरस के विस्तार को जानने और सही दवा का चयन करने के लिए प्रयास किया है। आज सैंपल रिपोर्ट की आने की उम्मीद है, जिसमें वायरस से संबंधित सभी जानकारी होगी।
कंजक्टिवाइटिस के इलाज के लिए सभी शासकीय अस्पतालों में निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा होती है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिविरों के माध्यम से जांच, इलाज, और जागरूता अभियान चलाया जा रहा है। कंजक्टिवाइटिस के फैलने को रोकने के लिए स्कूल शिक्षा और आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के संचालक को संबंधित परिपत्र जारी किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों, छात्रावासों, आवासीय विद्यालयों और आश्रम-छात्रावासों में कंजक्टिवाइटिस से बचाव के लिए आवश्यक निर्देश प्रसारित करने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग ने छात्रों को इस संक्रमण के लक्षणों, उपचार और बचाव की जानकारी भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
आई ड्राप छह बार, एक-एक बूंद, तीन दिनों तक
स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा अधिकारियों ने बताया है कि कंजक्टिवाइटिस आंख की एक सामान्य बीमारी है जिसे हम आंख आना भी कहते हैं। इस बीमारी में रोगी की आंख लाल हो जाती है, कीचड़ आता है, आंसू आते हैं, चुभन होती है और कभी-कभी सूजन भी आ जाती है। कंजक्टिवाइटिस होने पर एंटीबायोटिक ड्रॉप जैसे जेंटामिसिन, सिप्रोफ्लाक्सिन, माक्सीफ्लाक्सिन, और आई ड्रॉप को आंखों में छह बार एक-एक बूंद तीन दिनों के लिए मरीज को देना चाहिए। यदि तीन दिनों में आराम नहीं आता है तो किसी अन्य बीमारी की संभावना हो सकती है। इस विवरण के साथ, मरीज को नेत्र विशेषज्ञ के पास जाना उचित होता है।
इस तरह बरतें सावधानी
चिकित्सा अधिकारियों ने बताया है कि कंजक्टिवाइटिस संक्रामक बीमारी है जो संपर्क से फैलती है। इसलिए मरीज को अपनी आंखों को हाथ न लगाने की सलाह दी जाती है। रोगी से हाथ मिलाने से बचकर और उसकी उपयोग की चीजें अलग करके इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। संक्रमित आंखों को देखने से इस बीमारी के फैलने की धारणा केवल भ्रम है, यह बीमारी केवल संपर्क से ही फैलती है।
महामारी नियंत्रक के संचालक डॉक्टर सुभाष मिश्रा ने बताया है कि प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में 20 हजार से अधिक कंजक्टिवाइटिस के मामले सामने आए हैं। वायरस की जांच के लिए सैंपल भेजे गए हैं, जिसकी रिपोर्ट आज आएगी। केंद्र सरकार ने राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी थी, जो हमें प्रदान कर दी गई है।