अंबिकापुर से सूचना: सरगुजा जिले में लंपी वायरस का प्रसार बढ़ता जा रहा है। मवेशियों के आने से न सिर्फ मवेशी पालकों की, बल्कि पशु विभाग की भी चिंता बढ़ गई है। यह दुखद है कि हर दिन लगभग 10 से 15 मवेशी इसके शिकार हो रहे हैं, जिससे निपटने के लिए विभाग लगातार टीकाकरण का काम कर रहा है और आवारा मवेशियों को नियंत्रित करने की कोशिश में जुटा हुआ है।
दरअसल, लंपी मवेशियों में होने वाली संक्रमित बीमारी को एक खतरनाक समस्या माना जाता है, जिससे एक मवेशी के संक्रमित होने पर इसके साथ अन्य मवेशियों में भी फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इससे निपटने का एकमात्र उपाय टीकाकरण है, जिसे लेकर पशु विभाग ने जिले भर में अभियान शुरू कर दिया है। सरगुजा जिले में चार लाख से अधिक मवेशी हैं, लेकिन अब तक विभाग को मात्र 90 हजार वैक्सीन मिल पाई हैं। इसलिए, विभाग ने तीन लाख वैक्सीन की मांग की है और इनके आने के बाद वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा।
लंपी वायरस सरगुजा में फैल रहा है। हालांकि, पशु विभाग दावा कर रहा है कि संक्रमित हो रहे मवेशियों को तत्काल उपचार दिया जा रहा है ताकि किसी भी पशु की हानि से बचा जा सके। फिर भी, पशु विभाग स्वीकार कर रहा है कि आवारा घूम रहे पशु लंपी वायरस की चपेट में आ रहे हैं, और इन पशुओं के माध्यम से अन्य मवेशियों तक भी लंपी बीमारी का प्रसार हो रहा है। इस परिस्थिति में, पशु विभाग ने पशुपालकों को लगातार जागरूक करने के साथ ही आवारा घूम रहे मवेशी के संपर्क में मवेशियों को आने से रोकने की बात कही है।
लंपी वायरस सरगुजा में फैल रहा है। सवाल यही है कि पिछले वर्ष भी लंपी के संक्रमण को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इस बार विभाग ने समय से पहले तैयारी क्यों नहीं की और अब अगर लंपी बीमारी फैली है तो उसे रोकने में विभाग कैसे सफल हो सकेगा, क्योंकि विभाग के पास वैक्सीन की कमी भी है। ऐसे में देखना है कि आखिर किस तरह के कदम उठाए जाते हैं ताकि लंपी के संक्रमण से मवेशियों को बचाया जा सके।