कोरबा न्यूज़: ढाई साल के बच्चे के मुंह में घुसी छिपकली, जहर फैलने से हो गई मौत…|

कोरबा न्यूज़: कोरबा। एक अजीबोगरीब घटना में ढाई साल के मासूम बच्चे की मौत होने का मामला सामने आया है। घर में बिस्तर में सोया बच्चा मृत अवस्था में मिला है, उसके मुंह में एक छिपकली भी मरी हुई अवस्था में मिली है। छिपकली का केवल पूंछ वाला हिस्सा मुंह के बाहर नजर आ रहा था। माना जा रहा है कि बच्चे के मुंह में छिपकली घुस गई। बच्चे ने भी घबराहट में उसे चबा लिया और दोनों की मौत हो गई।

जिले की सुमेधा नागिनभाठा बस्ती का मामला

यह घटना कोरबा जिले के बांकीमोंगरा थाना क्षेत्र स्थित सुमेधा नागिनभाठा बस्ती में घटी। यहां राजकुमार सांडे अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ निवासरते हैं। उनका सबसे छोटा पुत्र जगदीश सोमवार को सुबह 8:30 बजे बिस्तर पर सोया हुआ था, जिसकी आयु ढाई वर्ष थी।

अकेला सो रहा था बच्‍चा

बच्चे के पिता राजकुमार ने बताया कि पत्नी किसी काम से पास की दुकान गई थी। मैं तालाब की ओर गया हुआ था और बच्चा अकेला सो रहा था। इसी दौरान यह घटना हुई। छिपकली ने उसके मुंह में कैसे घुस गई है, यह पता नहीं।

मां लौटी और बच्‍चे पर नजर पड़ी तो चीखने लगी

उसने बताया कि लगभग आधा घंटा बाद पत्नी दुकान से लौटी, तब उसकी नजर बच्चे पर पड़ी। बच्चे के मुंह में छिपकली देखकर उसे घबराहट महसूस हुई और वह चीखने लगी। आवाज सुनकर आसपास के लोग भी आ गए।

थम चुकी थी बच्‍चे की सांसें, मुंह में थी छिपकली

बच्चे के नजदीक जाकर देखा तो उसकी सांसें थम चुकी थी। छिपकली बच्चे के मुंह में घुसी हुई थी। यह घटना कैसे हुई, यह कोई नहीं जानता। बस कयास लगाए जा रहे। इस तरह से मासूम बच्चे की मौत की घटना से लोग स्तब्ध हैं। नागिन भाटा और आसपास के क्षेत्र में ढाई साल के मासूम जगदीश की मौत से शोक की लहर दौड़ गई है।

पुलिस कर रही है मामले की जांच

घटना की सूचना मिलने पर बांकीमोंगरा पुलिस स्थल पर पहुंची। वैधानिक कार्रवाई के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि सभी लोगों के बयान लिया जा रहा हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। प्रथम दृष्टया बच्चे के मुंह में छिपकली के आने और काट लेने से मृत्यु होना प्रतीत हो रहा है।

हो सकते हैं मौत के कई कारण:

शासकीय ईवीपीजी कालेज के प्राणी शास्त्र के सहायक प्राध्यापक बलराम कुर्रे का कहना है कि आमतौर पर घर में पाई जाने वाली छिपकली में इतना जहर नहीं होता कि वह किसी की जान ले सके। यदि छिपकली मुंह में घुस गई है, तो सांस रुक जाने से बच्चे की मौत हो सकती है। हालांकि घरेलू छिपकली में कुछ मात्रा में जहर जरूर होता है। इससे फूड प्वाइजनिंग या हैजा की बीमारी हो सकती है, इसलिए बच्चे की मौत का वास्तविक कारण क्या है, यह जांच का विषय है।

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